Operation Sindoor (ऑपरेशन सिंदूर)

Operation Sindoor-ऑपरेशन सिंदूर: भारत की आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। इस हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की जान गई। इसके जवाब में भारत ने 7 मई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जो आतंकवाद के खिलाफ एक सटीक और सुनियोजित सैन्य कार्रवाई थी। इस ऑपरेशन का नाम “सिंदूर” इसलिए चुना गया क्योंकि पहलगाम हमले में आतंकियों ने कई नवविवाहित पुरुषों को निशाना बनाया, जिससे उनकी पत्नियों का सिंदूर छिन गया। यह कार्रवाई न केवल बदला थी, बल्कि भारत की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति का प्रतीक भी थी।

Operation Sindoor -ऑपरेशन सिंदूर क्या है?

ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर की गई हवाई और मिसाइल हमलों की एक श्रृंखला थी। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, 6-7 मई 2025 की रात 1:05 से 1:30 बजे के बीच 24 सटीक मिसाइल हमलों के साथ नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया। इनमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों के शिविर शामिल थे। हमले में 70 से अधिक आतंकी मारे गए और 60 से ज्यादा घायल हुए।

ऑपरेशन की मुख्य विशेषताएं

  • सटीकता और नियंत्रण: भारत ने SCALP क्रूज मिसाइल, HAMMER स्मार्ट बम और लॉइटरिंग म्यूनिशन्स का उपयोग किया, जो अत्यधिक सटीक हथियार हैं। कोई भी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाना निशाना नहीं बनाया गया, जिससे यह कार्रवाई गैर-आक्रामक रही।

  • खुफिया जानकारी: हमले की योजना उपग्रह निगरानी, मानव खुफिया जानकारी और इंटरसेप्टेड संचार के आधार पर बनाई गई थी।

  • महिला अधिकारियों की भूमिका: विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी ने प्रेस ब्रीफिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो भारत की सैन्य क्षमता में महिलाओं की भागीदारी को दर्शाता है।

  • राजनीतिक एकता: ऑपरेशन सिंदूर को सभी राजनीतिक दलों ने समर्थन दिया। राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल और राजनाथ सिंह जैसे नेताओं ने इसे “जय हिंद” के नारे के साथ सराहा।

Operation Sindoor का महत्व

ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की रणनीतिक नीति में बदलाव को दर्शाया। यह 2016 के उरी और 2019 के बालाकोट हमलों से अधिक व्यापक और तकनीकी रूप से उन्नत था। इसने न केवल आतंकी ढांचे को नष्ट किया, बल्कि पाकिस्तान को सख्त संदेश दिया कि भारत सीमा पार आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं इस ऑपरेशन का नामकरण किया और पूरी रात इसकी निगरानी की।

प्रभाव और वैश्विक प्रतिक्रिया

ऑपरेशन के बाद भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव बढ़ा। पाकिस्तान ने जवाबी गोलाबारी की, जिसमें 9 नागरिक मारे गए। वैश्विक स्तर पर, अमेरिका, ब्रिटेन और संयुक्त राष्ट्र ने संयम बरतने की अपील की, जबकि इजरायल ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, “विश्व को आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस दिखाना चाहिए।”

ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी: एक नजर में

विशेषता

विवरण

तारीख

6-7 मई 2025, 1:05 AM – 1:30 AM

स्थान

पाकिस्तान और PoK (मुजफ्फराबाद, कोटली, बहावलपुर, मुरिदके आदि)

लक्ष्य

9 आतंकी ठिकाने (जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा)

हथियार

SCALP मिसाइल, HAMMER बम, लॉइटरिंग म्यूनिशन्स

परिणाम

70+ आतंकी मारे गए, 60+ घायल

नेतृत्व

पीएम नरेंद्र मोदी, NSA अजीत डोवाल, विंग कमांडर व्योमिका सिंह, कर्नल सोफिया

उद्देश्य

पहलगाम हमले का बदला, आतंकी ढांचे को नष्ट करना

निष्कर्ष

ऑपरेशन सिंदूर भारत की सैन्य ताकत, तकनीकी क्षमता और आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ संकल्प का प्रतीक है। यह न केवल पहलगाम के शहीदों को श्रद्धांजलि थी, बल्कि देश की एकता और संप्रभुता की रक्षा का संदेश भी था। भारत ने दिखाया कि वह न केवल जवाब दे सकता है, बल्कि आतंकवाद को जड़ से खत्म करने की क्षमता रखता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. ऑपरेशन सिंदूर का नाम “सिंदूर” क्यों रखा गया?
ऑपरेशन का नाम पीएम मोदी ने चुना, क्योंकि पहलगाम हमले में आतंकियों ने नवविवाहित पुरुषों को निशाना बनाया, जिससे उनकी पत्नियों का सिंदूर छिन गया। यह नाम शहीदों की विधवाओं के दर्द को दर्शाता है।

2. ऑपरेशन सिंदूर में किन हथियारों का उपयोग हुआ?
भारत ने SCALP क्रूज मिसाइल, HAMMER प्रेसिजन बम और लॉइटरिंग म्यूनिशन्स का उपयोग किया, जो सटीक और कम collateral damage वाले हथियार हैं।

3. ऑपरेशन सिंदूर का वैश्विक प्रभाव क्या रहा?
इसने भारत-पाकिस्तान तनाव बढ़ाया, लेकिन वैश्विक नेताओं ने संयम की अपील की। इजरायल ने भारत का समर्थन किया, जबकि UN और अमेरिका ने शांति की वकालत की।

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